श्री आनंद धाम के बारे में

भारत की यह भूमि सदैव दिव्यता से परिपूर्ण रही है। भारत में हमारे देवी-देवता हमेशा अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग रूपों में प्रकट होकर भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते आए हैं।

श्री आनंद धाम के बारे में

भारत की यह भूमि सदैव दिव्यता से परिपूर्ण रही है। भारत में हमारे देवी-देवता हमेशा अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग रूपों में प्रकट होकर भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते आए हैं। मां भगवती के 51 शक्तिपीठों से भक्तों को जो ऊर्जा और शक्ति प्राप्त होती है, यह स्थान उस दिव्य और पवित्र स्थान के समान है। श्री गुरुदेव ने कई वर्ष साधना, तपस्या में बिताए और जीवन में उस दिव्य ऊर्जा का अनुभव करके, मानवता की भलाई के लिए, श्री गुरुदेव ने कुछ वर्ष पहले स्वयं माँ भगवती के निर्देशानुसार दिव्य स्थान का चयन किया। इस स्थान पर माँ भगवती अपनी कुछ दिव्य अभिव्यक्तियाँ प्रकट करती रहती हैं।

आत्मबोध - शाश्वत खुशी का प्रवेश द्वार

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आत्मा से बुद्धि: प्रेरणादायक आध्यात्मिक उद्धरण

आपके जीवन की खुशी आनंद प्रसन्नता दुख या पीड़ा आपके भीतर ही जन्म लेती है आप स्वयं ही उसके जन्मदाता हो कोई और नहीं ।

मानव जीवन का लक्ष्य अपने अंदर के असीमित दैवत्व को जगाकर परम तत्व की प्राप्ति करना है, इसकी प्राप्ति सगुण साकार अथवा निर्गुण निराकार के माध्यम से कर सकते हो।

प्रत्येक व्यक्ति के व्यक्तित्व की तीन प्रमुख बातें उसका परिचय देती हैं, पहनावे से संस्कृति, खानपान से प्रकृति एवं आचरण से प्रवृति।

गुरु के वचन को केवल कानों से नहीं मन की गहराई से सुनना, एक एक वचन को हृदय में उतारना और उस पर आचरण करना ही गुरु के वचनों का सम्मान है।

इस पृथ्वी पर ना ही कुछ आप साथ में लाए थे, और ना ही आप कुछ इस पृथ्वी से अपने साथ लेकर के जाओगे, वर्तमान का जो पल है, उसे आनंद के साथ जियो यही जिंदगी है।

किसी का प्रशन पूर्ण सुने बिना उत्तर देना ठीक उसी प्रकार से जैसे बेमौसम ऋतु परिवर्तन होना।

रहमतों की कमी नहीं है गुरु के खजाने में, झांकना खुद की झोली में कही कोई सुराख तो नहीं हैं।

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